[Reader-list] More Kashmir comes out....
rashneek kher
rashneek at gmail.com
Mon Aug 9 10:44:01 IST 2010
*Under Separatist Threatening Kashmiri Pandits leave the valley* -
http://www.amarujal
a.com/city/ CityDetail.
aspx?id=1063&cid=143<http://www.amarujala.com/city/CityDetail.aspx?id=1063&cid=143>
*दहशत में छह पंडित परिवारों ने किया पलायन*
Story Update : Monday, August 09, 2010 12:47 AM
श्रीनगर। घाटी में उपद्रवियों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया
है। अल्पसंख्यकों के घरों में पथराव की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। नतीजतन
घाटी से छह कश्मीरी पंडित परिवारों ने पलायन कर लिया है। हब्बाकदल और डाउन टाउन
से ताल्लुक रखने वाले इन परिवारों ने १९९० में पलायन नहीं किया था। उपद्रवी सिख
समुदाय को भी भारत विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
गुरुद्वारों में धमकी भरे पत्र फेंके जा रहे हैं। इनमें लिखा गया है कि भारत
विरोधी प्रदर्शनों में शामिल नहीं हुए तो घाटी छोड़नी पड़ेगी। बाहरी राज्यों से
श्रीनगर में कारोबार करने वालों को भी घाटी छोड़ने की धमकी दी गई है।
अल्पसंख्यकों के एक शिष्टमंडल ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी
से भी मुलाकात की है।
आमीरा कदल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार केएन सिंह का कहना है कि
असामाजिक तत्वों ने त्राल, औलची बाग सहित मेहजूर नगर गुरुद्वारों में यह गुप्त
पत्र फेंके हैं। इन पत्रों को जल्द ही सरकार को सौंप दिया जाएगा। घाटी में १८२
अलग-अलग जगहों पर रहने वाले ६६२ कश्मीरी पंडित परिवारों के २८४५ सदस्य दहशत भरे
माहौल में रह रहे हैं। आल माइग्रेंट कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष विनोद कौल का
कहना है कि पलायन करने वाले परिवार दहशत के माहौल में रह रहे थे। डा. अग्निशेखर
का भी कहना है कि पंडितों की वापसी का दावा करने वाली सरकार को इस घटना से सबक
सीखना होगा। राजस्व मंत्री रमन भल्ला ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई सूचना नहीं
मिली है।
*दहशत में छह पंडित परिवारों ने किया पलायन*
Story Update : Monday, August 09, 2010 12:47 AM
श्रीनगर। घाटी में उपद्रवियों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया
है। अल्पसंख्यकों के घरों में पथराव की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। नतीजतन
घाटी से छह कश्मीरी पंडित परिवारों ने पलायन कर लिया है। हब्बाकदल और डाउन टाउन
से ताल्लुक रखने वाले इन परिवारों ने १९९० में पलायन नहीं किया था। उपद्रवी सिख
समुदाय को भी भारत विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
गुरुद्वारों में धमकी भरे पत्र फेंके जा रहे हैं। इनमें लिखा गया है कि भारत
विरोधी प्रदर्शनों में शामिल नहीं हुए तो घाटी छोड़नी पड़ेगी। बाहरी राज्यों से
श्रीनगर में कारोबार करने वालों को भी घाटी छोड़ने की धमकी दी गई है।
अल्पसंख्यकों के एक शिष्टमंडल ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी
से भी मुलाकात की है।
आमीरा कदल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार केएन सिंह का कहना है कि
असामाजिक तत्वों ने त्राल, औलची बाग सहित मेहजूर नगर गुरुद्वारों में यह गुप्त
पत्र फेंके हैं। इन पत्रों को जल्द ही सरकार को सौंप दिया जाएगा। घाटी में १८२
अलग-अलग जगहों पर रहने वाले ६६२ कश्मीरी पंडित परिवारों के २८४५ सदस्य दहशत भरे
माहौल में रह रहे हैं। आल माइग्रेंट कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष विनोद कौल का
कहना है कि पलायन करने वाले परिवार दहशत के माहौल में रह रहे थे। डा. अग्निशेखर
का भी कहना है कि पंडितों की वापसी का दावा करने वाली सरकार को इस घटना से सबक
सीखना होगा। राजस्व मंत्री रमन भल्ला ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई सूचना नहीं
मिली है।
best regards
-
Rashneek Kher
http://www.kashmiris-in-exile.blogspot.com
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